विजीलैंस अब अगला नंबर किसका लगाएगी? चर्चाएं शुरू
जालंधर : विजीलैंस ब्यूरो द्वारा पंजाब में अब किसका अगला नम्बर लगाया जाएगा इसको लेकर राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। पंजाब में भगवंत मान सरकार बनने के बाद विजीलैंस एक बार फिर से सुर्खियों में है। इससे पहले विजीलैंस 2002 में कै. अमरेंद्र सिंह सरकार बनने के बाद सुर्खियों में आई थी जब उसने अकाली नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किए थे। उसके बाद विजीलैंस 2007 में अकाली सरकार बनने के बाद सुर्खियों में आई जब उसने कैप्टन व कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किए।
2012 से लेकर 2022 तक विजीलैंस सुर्खियों नमें नहीं रही। इन 10 वर्षों में विजीलैंस ने राजनीतिक नेताओं के खिलाफ केस दर्ज नहीं किए। इस अवधि में 2012 से लेकर 2017 तक अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार रही तो 2017 से 2022 तक राज्य में कांग्रेस की सरकार रही। 2022 के शुरू में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही राजनीतिक नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर केस दर्ज करने का सिलसिला एक बार फिर से शुरू हो गया।
विजीलैंस ने सबसे पहले पूर्व मंत्री डाक्टर साधु सिंह धर्मसोत के खिलाफ केस दर्ज किया, फिर पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को गिरफ्तार किया। इसके बाद विजीलैंस ब्यूरो ने लुधियाना तथा अमृतसर में इम्प्रूवमैंट ट्रस्टों के चेयरमैनों को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया। अब विजीलैंस ने पूर्व मंत्री सुंदर श्याम अरोड़ा को 50 लाख रुपए की रिश्वत विजीलैंस अधिकारी को देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। भ्रष्टाचार के कई मामले अभी विजीलैंस ब्यूरो के पास विचाराधीन हैं।