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टीम इंडिया को मिलने वाला है 'युवराज', बल्ले से बरसती है आग तो बलखाती गेंद पर बड़े-बड़े सूरमा भी लगते हैं नाचने

02:34 PM Aug 21, 2022 IST | kashish
टीम इंडिया को मिलने वाला है  युवराज   बल्ले से बरसती है आग तो बलखाती गेंद पर बड़े बड़े सूरमा भी लगते हैं नाचने
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मुंबई: हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह, ईशान किशन और भी कई… इंडियन प्रीमियर लीग से निकलने वाले टीम इंडिया के सूरमा खिलाड़ियों की फेहरिस्त लंबी है। ये वो नाम हैं, जो क्रिकेट फैंस की जुबां पर हैं। कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं, जो घरेलू क्रिकेट के दम पर टीम इंडिया का दरवाजा खटखटा रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं मुंबई के ऑलराउंडर शम्स मुलानी (Shams Mulani)। हो सकता है कि इस स्टार का नाम आपने नहीं सुना हो, लेकिन क्रिकेट के एक्सपर्ट इस बात से इत्तेफाक रखते होंगे कि मुलानी के लिए कभी भी भारतीय क्रिकेट टीम का दरवाजा खुल सकता है।

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मुलानी खब्बू बल्लेबाज हैं और स्लो आर्म ऑर्थोडॉक्स बॉलिंग करते हैं। मैदान पर उतरते हैं तो कमोबेश युवराज की झलक दिखती है। बॉलिंग एक्शन एक जैसा नहीं है, लेकिन गेंदों पर नचाने की महारत उन्हें युवी बना देती है। ऊंचे-ऊंचे शॉट्स खेलने में भी माहिर हैं। टी-20 वर्ल्ड कप और वनडे वर्ल्ड कप जीत के हीरो युवराज भी खब्बू बल्लेबाज थे और बॉलिंग स्टाइल भी स्लो आर्म ऑर्थोडॉक्स ही थी।

खैर, अब बात करते हैं कि मुलानी पर इतनी चर्चा क्यों? बता बता दें कि मुलानी को भारत दौरे पर आ रही न्यूजीलैंड ए के खिलाफ तीन चार दिवसीय मैचों के लिए चुनी जाने वाली टीम में शामिल किया जा सकता है। इंडिया-ए में शामिल होने का मतलब ही होता है कि सीनियर टीम के संभावितों की लिस्ट में नाम आना। मुलानी भले ही आईपीएल में अभी तक नहीं दिखे हैं, लेकिन घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए वह अपना लोहा काफी समय से मनवा रहे हैं।

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रणजी ट्रॉफी में गेंद-बल्ले से धमाल
शम्स मुलानी काफी समय से घरेलू क्रिकेट में कमाल कर रहे हैं, लेकिन रणजी ट्रॉफी 2022 उनके लिए टर्निंग पॉइंट साबित होता दिख रहा है। मुंबई की टीम 4 साल बाद टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची। सरफराज खान ने बल्ले से दमदार खेल दिखाया और हर तरफ उनकी चर्चा हुई। वहीं शम्स मुलानी ने गेंद और बल्ले दोनों से योगदान दिया। बाएं हाथ के स्पिनर मुलानी टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। उन्होंने 6 मैच में 45 शिकार किए। 6 बार पारी में 5 और दो बार मैच में 10 विकेट लिए।

बल्लेबाजी में भी शम्स मुलानी ने 9 पारियों में 40 की औसत से 321 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 5 बार 50+ रनों की पारी निकली। इसी प्रदर्शन ने मुंबई को फाइनल तक पहुंचाया था। अब मुलानी को टीम इंडिया में जगह दिलाता भी दिख रहा है।

2022 रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट:

खिलाड़ीमैचविकेट
शम्स मुलानी645
कुमार कार्तिकेय632
शाहबाज नदीम525
गौरव यादव523
सत्यजीत बच्चव321

 

सीके नायडू ट्रॉफी में मुंबई को बनाया चैंपियन
मुंबई भले ही रणजी ट्रॉफी के फाइनल में मध्य प्रदेश के खिलाफ फाइनल हार गई थी, लेकिन टीम ने शम्स मुलानी के दमदार खेल की वजह से 2022 सीके नायडू ट्रॉफी पर भी कब्जा जमाया था। यह भारत का अंडर-25 घरेलू टूर्नामेंट है। इसके 3 मैच में मुलानी ने 32 विकेट झटके थे। 5 पारियों में उन्होंने 5 या उससे ज्यादा विकेट झटके। यहां भी बल्लेबाजी में उन्होंने 189 रन बनाए।

अंडर-16 में एक मैच बाद हुए बाहर
2011-12 अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी केलिए 14 साल के शम्स मुलानी को मुंबई टीम में शामिल किया गया था। उन्हें एक मैच बाद ही प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया। वह पूरे सीजन बेंच पर रहे। अगले सीजन उन्हें फिर से टीम में चुना गया। उन्होंने पहले मैच में शतक लगाया और यहां से पीछ मुड़कर नहीं देखा। अंत में उनकी टीम चैंपियन बनी।

ट्रेनिंग पर लेकर जाती थीं मां
शिवाजी पार्क में 9 साल की उम्र में शम्स मुलानी को कोच पद्माकर शिवलकर, प्रवीण आमरे और संदेश कावले ने समर कैंप के लिए चुना था। इससे चार साल पहले से वह माटुंगा जिमखाना मैदान में अनुभवी कोच हेमंत हाडकर के साथ लगातार ट्रेनिंग कर रहे थे। मुलानी के पिता जाकिर टाटा पावर में इंजीनियर हैं। जब शम्स 5 साल के थे, तभी उनके पिता ने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए मां को मना लिया था। मां ही हर दिन उन्हें ट्रेनिंग के लिए लेकर जाती थी। वह हर दिन 45 मिनट का सफर बस से करती थी। इस दौरान उन्हें शम्स मुलानी और किट को संभालना पड़ा था। इसके साथ उनकी गोद में दो महीने का नवजात बच्चा भी रहता था।

कैसा रहा घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन?
शम्स मुलानी ने अभी तक 16 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं, जिसमें उनके नाम 73 विकेट और 877 रन है। वह 11 फिफ्टी लगा चुके हैं। लिस्ट ए क्रिकेट में उन्होंने 35 मैच में 52 और टी20 में 25 मैच में 24 विकेट लिए हैं। 2018 इमर्जिंग एशिया कप में वह भारतीय टीम का हिस्सा थे। आईपीएल 2021 में अक्षर पटेल के कोरोना संक्रमित होने के बाद मुलानी को कुछ मैचों के लिए दिल्ली कैपिटल्स ने अपने साथ जोड़ा था, लेकिन उन्हें खेलना का मौका नहीं मिला।

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